मेरी बिगड़ी बना दे माँ दो आँचल की अपनी छाव भजन लिरिक्स - MadhurBhajans मधुर भजन










मेरी बिगड़ी बना दे माँ
दो आँचल की अपनी छाव
ओ मैया जी कर दो जरा दया
मेरी माँ कर दो जरा दया
लाखों को तुमने तारा
डुबो को है उबारा
ओ मैया जी कर दो जरा दया
मेरी माँ कर दो जरा दया।।
तर्ज कभी बंधन जुड़ा लिया।


करूँ गुणगान तुम्हारा
सदा मैं झुक कर दाती
समय की लहरों में भी
जगे विश्वास की बाती
मेहरावाली मेहरा कर दे
शक्ति भक्ति का माँ वर दे
ओ मैया जी कर दो जरा दया
मेरी माँ कर दो जरा दया।।


दरारे नसीब में मेरे
मरम्मत इनकी कर दे
झुकाया दर पे तेरे सर
करम अब तो कुछ कर दे
मेरी दाती दे सहारा
बच्चे ने है पुकारा
ओ मैया जी कर दो जरा दया
मेरी माँ कर दो जरा दया।।









सहारे झूठे जहाँ के
सच्चा है नाम तुम्हारा
लगाई आस है मैंने
ना छूटे नाम तुम्हारा
तेरे पथ से मैं ना भटकूँ
पत्थर सा मैं ना चटकुं
ओ मैया जी कर दो जरा दया
मेरी माँ कर दो जरा दया।।


मेरी बिगड़ी बना दे माँ
दो आँचल की अपनी छाव
ओ मैया जी कर दो जरा दया
मेरी माँ कर दो जरा दया
लाखों को तुमने तारा
डुबो को है उबारा
ओ मैया जी कर दो जरा दया
मेरी माँ कर दो जरा दया।।
स्वर संजय जी गुलाटी।










meri bigdi bana de maa do aanchal apni chav lyrics