मेरी भूलों को बिसराओ हरि भजन लिरिक्स - MadhurBhajans मधुर भजन










मेरी भूलों को बिसराओ हरि
दोहा दुनिया बदल गई है
बदल गया ज़माना
मेरी ज़िन्दगी के मालिक
कहीं तुम बदल ना जाना।


मैं हार के दर तेरे आया हूँ
मेरा दूजा कोई सहारा नहीं
मैं निर्बल निर्गुण दीन प्रभु
मेरी भूलों को बिसराओ हरि
मैं हार के दर तेरे आया हूँ।।
तर्ज बाबुल की दुआएं।









मैं भूल के सब कुछ बैठा हूँ
अब आस तुझी से श्याम मेरी
मैं तो हारा हुआ तेरा दास प्रभु
मेरी जीत तुझी पे श्याम टिकी
नहीं हार मुझे कभी छू पाए
एहसान तू करदे श्याम धणी
मैं निर्बल निर्गुण दीन प्रभु
मेरी भूलो को बिसराओ हरि
मैं हार के दर तेरे आया हूँ।।


सपनो में भी ना तुम आते हो
ना ही अपना मुझे बनाते हो
मैं जनम जनम से प्यासा हूँ
मुझे फिर काहे तरसाते हो
मेरी आँख के आंसू बन जाओ
हर बूँद से प्यास बुझे मेरी
मैं निर्बल निर्गुण दीन प्रभु
मेरी भूलो को बिसराओ हरि
मैं हार के दर तेरे आया हूँ।।


मुझे ना ठुकराना गिरधारी
तेरे बिन मेरा जीवन सूना है
मैं सेवक तू दातार प्रभु
तेरे हाथ में जीवन मेरा है
पंकज तेरी राह निहारूँगा
मुझे थाम ले आकर बनवारी
मैं निर्बल निर्गुण दीन प्रभु
मेरी भूलो को बिसराओ हरि
मैं हार के दर तेरे आया हूँ।।


मैं हार के दर तेरे आया हूँ
मेरा दूजा कोई सहारा नहीं
मैं निर्बल निर्गुण दीन प्रभु
मेरी भूलों को बिसराओ हरि
मैं हार के दर तेरे आया हूँ।।



ये भी देखें हरि मैं जैसो तेसो तेरो।










meri bhulo ko bisarao hari lyrics