मेरी बात रखना जैसे मैं चाहूं वैसे ही मुझको नाथ रखना - MadhurBhajans मधुर भजन
मेरी बात रखना
जैसे मैं चाहूं
वैसे ही मुझको
नाथ रखना
मेंरी बात रखना
मेंरी बात रखना।।
तर्ज मेरी लाज रखना।
ये तो मैं मानूं
तू मुझको जानें
पर ये ना जानूं
तू कितना मानें
हर पल ही मुझको
दर पे तू दाता
साथ रखना
मेंरी बात रखना
मेंरी बात रखना।।
मेरी जब से नैया
ये डोल रही है
दुनिया भी मुझको
ये तोल रही है
करता हूं विनती
मेरी तू बाबा
जात रखना
मेंरी बात रखना
मेंरी बात रखना।।
फूलों संग कांटे
मिलते उपवन में
ऐसे ही सुख दुःख
रहते जीवन में
फूलों के संग अब
कांटे ना मेरे
हाथ रखना
मेंरी बात रखना
मेंरी बात रखना।।
हर रात बाद हो
जग में उजियारा
जालान कहे अब
यूं दास तुम्हारा
जीवन में मेरे
यूंही ना बाबा
रात रखना
मेंरी बात रखना
मेंरी बात रखना।।
मेरी बात रखना
जैसे मैं चाहूं
वैसे ही मुझको
नाथ रखना
मेंरी बात रखना
मेंरी बात रखना।।
गायक उमाशंकर गर्ग।
भजन लेखक पवन जालान।
9416059499 भिवानी हरियाणा
meri baat rakhna meri baat rakhna lyrics