मेरे उठे विरह में पीर सखी वृन्दावन जाउंगी भजन लिरिक्स - MadhurBhajans मधुर भजन
मेरे उठे विरह में पीर
सखी वृन्दावन जाउंगी
श्लोक
सब द्वारन को छोड़ के
श्यामा आई तेरे द्वार
श्री वृषभान की लाड़ली
मेरी और निहार।
मेरे उठे विरह में पीर
सखी वृन्दावन जाउंगी
मुरली बाजे यमुना तीर
सखी वृन्दावन जाउंगी।।
श्याम सलोनी सूरत पे
दीवानी हो गई
अब कैसे धारू धीर सखी
सखी वृन्दावन जाउंगी।।
छोड़ दिया मेने भोजन पानी
श्याम की याद में
मेरे नैनन बरसे नीर
सखी वृन्दावन जाउंगी।।
इस दुनिया के रिश्ते नाते
सब ही तोड़ दिए
तुझे कैसे दिखाऊं दिल चिर
सखी वृन्दावन जाउंगी।।
नैन लड़े मेरे गिरधारी से
बावरी हो गई
दुनिया से हो गई अंजानी
सखी वृन्दावन जाउंगी।।
मेरे उठे विरह में पीर
सखी वृन्दावन जाउंगी
मुरली बाजे यमुना तीर
सखी वृन्दावन जाउंगी।।
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