मेरे शीश के दानी का सारे जग में डंका बाजे भजन लिरिक्स - MadhurBhajans मधुर भजन
मेरे शीश के दानी का
सारे जग में डंका बाजे।
दोहा दान देते नहीं आप अपना सर
द्वार खाटू का पावन फिर सजता नहीं
अपने भक्तों की झोली ना भरते अगर
तेरी चौखट पे मेला यूँ लगता नहीं
कुछ ना कुछ बात तो है तुममे
नाम किसी का यूँ ही कोई जपता नहीं
जो सहारा ना बनते हारे का श्याम
तो तेरे नाम का डंका यूँ बजता नहीं।
मेरे शीश के दानी का
सारे जग में डंका बाजे
ये वारे न्यारे है करता
भक्तो की झोली है भरता
इस वीर लसानी का
सारे जग में डंका बाजे
मेरे शीष के दानी का
सारे जग में डंका बाजे।।
इस दुनिया में श्याम के जैसा
कोई भी दातार नहीं
जो मांगो सो मिल जाता है
करे कभी इंकार नहीं
अब ज्योत नुरानी का
सारे जग में डंका बाजे
मेरे शीष के दानी का
सारे जग में डंका बाजे।।
एक तीर से वीर आपने
अद्भुत खेल दिखाया था
याचक बन भगवान पधारे
भेंट में शीश चढ़ाया था
तेरी इस क़ुरबानी का
सारे जग में डंका बाजे
मेरे शीष के दानी का
सारे जग में डंका बाजे।।
भूले से भी जो प्राणी
श्री श्याम शरण में आता है
मेरे श्याम लगाते उसे गले
वो कभी नहीं ठुकराता है
तेरी अमर कहानी का
सारे जग में डंका बाजे
मेरे शीष के दानी का
सारे जग में डंका बाजे।।
राजपाल शर्मा ख़ास दास तेरा
शहर दादरी वाला है
लख्खा का लखदाता बस एक
तू ही खाटू वाला है
इष्टदेव मेरा दुनिया में बस
एक तू ही खाटू वाला है
खाटू राजधानी का
सारे जग में डंका बाजे
मेरे शीष के दानी का
सारे जग में डंका बाजे।।
मेरे शीष के दानी का
सारे जग में डंका बाजे
ये वारे न्यारे है करता
भक्तो की झोली है भरता
इस वीर लसानी का
सारे जग में डंका बाजे
मेरे शीष के दानी का
सारे जग में डंका बाजे।।
स्वर लखबीर सिंह लख्खा जी।
mere shish ke dani ka sare jag me danka baje lyrics