मेरे शीश के दानी जैसा कोई नहीं भजन लिरिक्स - MadhurBhajans मधुर भजन
दानी में सबसे बड़े दानी
मेरे शीश के दानी जैसा कोई नहीं
मेरे श्याम के जैसा कोई नहीं
मेरे बाबा के जैसा कोई नहीं
दानी में सबसे बड़े दानी
मेरे शीश के दानी जैसा कोई नही।।
तर्ज दुनिया में देव हजारों है।
कलयुग का देव निराला है
हारे को जिताने वाला है
इनके लीले सा कोई नहीं
इनके भक्तों सा कोई नहीं
दानी में सबसे बड़े दानी
मेरे शीश के दानी जैसा कोई नही।।
जब भक्तों पे विपदा आये
ये मोरछड़ी लहरा जाए
इनकी कृपा का पार नहीं
इनकी लीला का तार नहीं
दानी में सबसे बड़े दानी
मेरे शीश के दानी जैसा कोई नही।।
पर्चे हज़ारों होते है
आशीष सभी अखाड़े में
आलूसिंह जैसा कोई नही
और श्याम बहादुर सा कोई नहीं है
दानी में सबसे बड़े दानी
मेरे शीश के दानी जैसा कोई नही।।
दानी में सबसे बड़े दानी
मेरे शीश के दानी जैसा कोई नहीं
मेरे श्याम के जैसा कोई नहीं
मेरे बाबा के जैसा कोई नहीं
दानी में सबसे बड़े दानी
मेरे शीश के दानी जैसा कोई नही।।
mere shish ke dani jaisa koi nahi lyrics