मेरे सांवरे मुझको दे दो सहारा भजन लिरिक्स - MadhurBhajans मधुर भजन










मेरे सांवरे मुझको दे दो सहारा
दोहा ये सारे खेल तुम्हारे है
जग कहता खेल नसीबो का
मैं तुझसे दौलत क्या मांगू
मैंने सुना तू यार गरीबों का।
मेरे सांवरे मुझको दे दो सहारा
हो मायूस मैने भी तुझको पुकारा।।
तर्ज लगी आज सावन की फिर।









मैं करता हूँ कोशिश ना कोई भी कुढ़े
मेरी बातों से दिल किसी का ना टूटे
मैं अपनो की खातिर ये जीवन लुटा दूँ
मगर मुझे अपनो ने कान्हा बिसारा
मेरे साँवरे मुझको दे दो सहारा।।


मैं कहता नही की बुरा है जमाना
मगर मैं हूँ पागल ये कितना सयाना
जोड़े यहाँ सबने है मतलब के रिश्ते
नही स्वार्थ के बिन यहाँ भाईचारा
मेरे साँवरे मुझको दे दो सहारा।।


मैं किसको पुकारूं मैं किसको बुलाऊँ
बता दे ये दुखड़ा मैं किसको सुनाऊँ
फसा हूँ भंवर में अब मैं तो कन्हैया
दिखाए यहाँ कौन तुम बिन किनारा
मेरे साँवरे मुझको दे दो सहारा।।


मेरे सांवरे मुझको दे दो सहारा
हो मायूस मैने भी तुझको पुकारा।।
स्वर अविनाश कर्ण।










mere sanware mujhko de do sahara lyrics