मेरे प्राणेश मन मोहन तुम्हे ढूँढू कहाँ जाकर भजन लिरिक्स - MadhurBhajans मधुर भजन
मेरे प्राणेश मन मोहन
तुम्हे ढूँढू कहाँ जाकर
तुम्हे ढूँढू कहाँ जाकर।।
तर्ज बहारो फूल बरसाओ।
मेरे प्राणेश मन मोहन
तुम्हे ढूँढू कहाँ जाकर
तुम्हे ढूँढू कहाँ जाकर
बड़ा बेचैन हूँ तुम बिन
जरा देखो मुझे आकर
जरा देखो मुझे आकर
मेरे प्राणेश मनमोहन
तुम्हे ढूँढू कहाँ जाकर
तुम्हे ढूँढू कहाँ जाकर।।
तुम्हारी याद आते ही
झरी आंसू की लग जाती
तुम्हारी याद आते ही
झड़ी आंसू की लग जाती
तू फिर फिर दिल में आता है
की मर जाऊँ जहर खाकर
की मर जाऊँ जहर खाकर
मेरे प्राणेश मनमोहन
तुम्हे ढूँढू कहाँ जाकर
तुम्हे ढूँढू कहाँ जाकर।।
छिपे हो तुम कहाँ जाकर
ना आते हो बुलाने से
छिपे हो तुम कहाँ जाकर
ना आते हो बुलाने से
मजा क्या तुमको आता है
मुझे इस तौर तड़पा कर
मुझे इस तौर तड़पा कर
मेरे प्राणेश मनमोहन
तुम्हे ढूँढू कहाँ जाकर
तुम्हे ढूँढू कहाँ जाकर।।
ना भूलूंगा कभी उपकार
अपने उस हितैषी का
ना भूलूंगा कभी उपकार
अपने उस हितैषी का
जो करवा दे मुझे दर्शन
कन्हैया को यहां लाकर
मेरे प्राणेश मनमोहन
तुम्हे ढूँढू कहाँ जाकर
तुम्हे ढूँढू कहाँ जाकर।।
प्रार्थना राम की तुमसे
यही कर जोड़ विनती है
प्रार्थना राम की तुमसे
यही कर जोड़ विनती है
लिपट जाऊँ तुम्ही से मैं
तुम्हे आनंद घन पाकर
मेरे प्राणेश मनमोहन
तुम्हे ढूँढू कहाँ जाकर
तुम्हे ढूँढू कहाँ जाकर।।
मेरे प्राणेश मन मोहन
तुम्हे ढूँढू कहाँ जाकर
तुम्हे ढूँढू कहाँ जाकर
बड़ा बेचैन हूँ तुम बिन
जरा देखो मुझे आकर
जरा देखो मुझे आकर
मेरे प्राणेश मनमोहन
तुम्हे ढूँढू कहाँ जाकर
तुम्हे ढूँढू कहाँ जाकर।।
mere pranesh manmohan bhajan lyrics