मेरे नैना छमा छम बरसे दरश हित तरसे आजा प्यारे सांवरिया - MadhurBhajans मधुर भजन










मेरे नैना छमा छम बरसे
दरश हित तरसे
तू आजा प्यारे साँवरिया।।


ऋतु राज ने ली अंगड़ाई
कली कली मुसकाई
बीत चला कुसमित कुसमाकर
कसक कलेजे ढाई
अजहुँ न आये रसिया प्रीतम
मनहर छेल कन्हाई
आहू मैं तो तेरे रूप की प्यासी
मोल लाइ दासी
तू आजा प्यारे साँवरिया।।


उड़त गुलाल रंग पिचकारी
फागुन के दिन आये
केसर कीच मची गलियन में
होरी सब को भाये
नाच रहे ब्रज ग्वाल गोपियां
गीत प्रीत के गाय
मुझ पगली के बिछड़े प्रीतम
हाय कौन मिलाए
मैं पल पल पंथ निहारू
अपन को वारु
तू आजा प्यारे साँवरिया।।


उमड़ घुमड़ नभ छाये बदरुआ
चातक पी पी बोले
बिरहन कोकिल कूक कूक कर
भेद प्रीत के खोले
कोन सुने पगले पंछी की
सिसकत इत उत डोले
कहा छुप गए प्यार बढ़ाकर
मेरे साजन भोले
मेरा जियरा भर भर आये
चैन ना पाये
तू आजा प्यारे साँवरिया।।









मेरे नैना छमा छम बरसे
दरश हित तरसे
तू आजा प्यारे साँवरिया।।
स्वर पूर्णिमा दीदी जी।
प्रेषक राज कपूर रासेश्वर दास।
दिल्ली 9810035714










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