मेरे मन में बस गयी है मोहन छवि तुम्हारी लिरिक्स - MadhurBhajans मधुर भजन










मेरे मन में बस गयी है
मोहन छवि तुम्हारी
नैनो में कैसा जादू
मुस्कान कितनी प्यारी
मेरे मन में बस गई हैं
मोहन छवि तुम्हारी।।




तर्ज मेरे श्याम ये बता दे।


तेरी अदा पे चर्चे
होते गली गली में
कैसे तुम्हे भुला दूँ
रहते हो मेरे दिल में
मेरी धड़कनो में तुम हो
हर सांस तुम पे वारि
मेरे मन में बस गई हैं
मोहन छवि तुम्हारी।।


सुन्दर सी तेरी सूरत
लगती है भोली भाली
गालों पे झूमती है
भंवरे सी लट ये काली
मीठी सी तेरी बोली
अधरों पे तेरे लाली
मेरे मन में बस गई हैं
मोहन छवि तुम्हारी।।


दासी यशोदा कहती
तूने जिंदगी संवारी
अपना बनाया मुझको
मेरी हस्ती ही निखारी
जाऊं मैं तेरे सदके
तेरी हर छटा निराली
मेरे मन में बस गई हैं
मोहन छवि तुम्हारी।।









मेरे मन में बस गयी है
मोहन छवि तुम्हारी
नैनो में कैसा जादू
मुस्कान कितनी प्यारी
मेरे मन में बस गई हैं
मोहन छवि तुम्हारी।।













mere man mein bas gayi hai mohan chhavi tumhari lyrics