मेरे मन में गुरूवर आये मन मेरा पावन हुआ जैन भजन लिरिक्स - MadhurBhajans मधुर भजन










मेरे मन में गुरूवर आये
मन मेरा पावन हुआ
सुख ही सुख के बादल छाए
समता का सावन हुआ।।


भटका रहा मैं भवभव में लेकिन
गुरु की शरण न मिली
अब जाके गुरु की वाणी सुनी है
ज्ञान की ज्योत जली
जिनवर की वाणी
गुरूवर के मुख से
लगती है ऐसी भली
सुनकर के जिसको
पुलकित हृदय में
संयम की बगिया खिली
भेदज्ञान के पुष्पों से मेरा
जीवन मनभावन हुआ
सुख ही सुख के बादल छाए
समता का सावन हुआ।।


मन में मेरे बस है एक इच्छा
चरणों मे गुरु के रहूं
गुरूवर को देखूं गुरूवर को सोचू
गुरूवर ही मुख से कहूं
गुरु ने जो मुझको
राह दिखाई
उस पर सदा ही चलूं
गुरु मेरे एक दिन
भगवन बनेंगे
मैं भी उन्हीं सा बनूँ
जिनवाणी की फैली सुगन्धी
मन मेरा मधुवन हुआ
सुख ही सुख के बादल छाए
समता का सावन हुआ।।


मेरे मन में गुरूवर आये
मन मेरा पावन हुआ
सुख ही सुख के बादल छाए
समता का सावन हुआ।।




















mere man me guruvar aaye man mera pavan hua lyrics