मेरे मन बस गयो रे सांवरिया गिरधारी लिरिक्स - MadhurBhajans मधुर भजन










मेरे मन बस गयो रे
सांवरिया गिरधारी
मोहन की मोहनी छवि पर
जाऊं मैं बलिहारी।।


मोर मुकुट कानों में कुंडल
जा पे लट बिखरी है
मनमोहक मुस्कान है प्यारी
अधरन बंसी धरी है
मधुर मधुर बंसी के सुरों पर
मधुर मधुर बंसी के सुरों पर
झूमे राधा प्यारी
मेरे मन बस गयों रे
सांवरिया गिरधारी।।


मन मोहे श्रंगार निराला
जो देखे होवे मतवाला
मात यशोदा बली बली जावे
है ऐसा सुंदर लाला
नंदबाबा भी खुश हुए जब
नंदबाबा भी खुश हुए जब
लाल की छवि निहारी
मेरे मन बस गयों रे
सांवरिया गिरधारी।।


गाय चरैया बंसी बजैया
नाग नथैया कन्हैया
हर छवि में वह प्यारा लागे
दाऊजी का भैया
बंसी की धुन सुन कर दौड़ी
बंसी की धुन सुनकर दौड़ी
आती गईया सारी
मेरे मन बस गयों रे
सांवरिया गिरधारी।।









हे रास बिहारी कुंज बिहारी
गिरधारी घनश्याम
नाम तुम्हारा जपते जपते
बीते उम्र तमाम
श्याम पे ऐसी कृपा करना
श्याम पे ऐसी कृपा करना
मोहन गिरवर धारी
मेरे मन बस गयों रे
सांवरिया गिरधारी।।


मेरे मन बस गयो रे
सांवरिया गिरधारी
मोहन की मोहनी छवि पर
जाऊं मैं बलिहारी।।
रचना एवम गायन घनश्याम मिढ़ा।
भिवानी मोबाइल 9034121523










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