मेरे दिन बंधू भगवान रे गरुड़ पर चढ़कर आ जाना कमल किशोर जी नागर - MadhurBhajans मधुर भजन










मेरे दिन बंधू भगवान रे
गरुड़ पर चढ़कर आ जाना।।


मेरी साँस चले ना पावा
ना जिव्हा चले ना गाना
मेरा जिव चले भगवान तो तुम
शिव जी बनकर आ जाना
मेरे दिन बंधु भगवान रे
गरुड़ पर चढ़कर आ जाना।।


गुजरू जब में गुलजारी
ये दुनिया रहे ना सारी
गुजरू जब में गुरुदेव तो तुम
सतगुरु बनकर आ जाना
मेरे दिन बंधु भगवान रे
गरुड़ पर चढ़कर आ जाना।।


चलने की हो तैयारी
तब घोडा मिले ना गाड़ी
मेरी शैया छूटे घनश्याम तो तुम
नैया लेकर आ जाना
मेरे दिन बंधू भगवान रे
गरुड़ पर चढ़कर आ जाना।।









यमदूत बनाये बंदी
और काया होगी गन्दी
जब जाऊँ में शमशाम तो तुम
नंदी लेकर आ जाना
मेरे दिन बंधु भगवान रे
गरुड़ पर चढ़कर आ जाना।।


जब आये मरण का मौका
कही हो ना जाये धोका
मेरे ज्ञान के दाता गुरुदेव रे तुम
कोई नौका लेकर आ जाना
मेरे दिन बंधु भगवान रे
गरुड़ पर चढ़कर आ जाना।।

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