मेरे भोले शंकर कैसे रिझाऊँ तुम्हे भजन लिरिक्स - MadhurBhajans मधुर भजन










मेरे भोले शंकर कैसे रिझाऊँ तुम्हे
तू दिखने में तो साधु है
तू दिखने तो साधु है
पर सबसे निराला है तू
मेरे भोले शंकर कैसे रिझाऊं तुम्हे।।
तर्ज दिल का आलम।


मैं तेरे सामने बैठा हूँ मगर
तेरी सूरत नजर न आई है
मैं तुम्हारा ही अपना हूँ मगर
तुझे मुझ पर दया न आई है
तुझे मुझ पर दया न आई है
मेरे भोले शंकर कैसे रिझाऊं तुम्हे।।


तू मेरे सामने आ जाये अगर
तेरा जी भर के मैं दीदार करू
आके फूलों और कलियों से मैं
तेरा जी भर के मैं श्रंगार करू
तेरा जी भर के मैं श्रंगार करू
मेरे भोले शंकर कैसे रिझाऊं तुम्हे।।









मेरे भोले शंकर कैसे रिझाऊँ तुम्हे
तू दिखने में तो साधु है
तू दिखने तो साधु है
पर सबसे निराला है तू
मेरे भोले शंकर कैसे रिझाऊं तुम्हे।।
प्रेषक प्रीतम यादव।
8120823027










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