मेरे भोले बाबा जटाधारी शम्भू भजन लिरिक्स - MadhurBhajans मधुर भजन










मेरे भोले बाबा जटाधारी शम्भू
हे नीलकंठ त्रिपुरारी हे शम्भू।।
तर्ज कभी शाम ढले तू।


नंदी की सवारी है
गौरा मैया साथ है
डोर ये जीवन की
तेरे ही हाथ है
सर्पों की गल में माला है
पहने तन पे छाला है
तन पे भस्म रमाते हैं
महाकाल कहलाते हैं
तीनो लोक तुझसे पावन
हे दयालु हे शम्भू
मेरे भोलें बाबा जटाधारी शम्भू
हे नीलकंठ त्रिपुरारी हे शम्भू।।


भूतों की सेना है
भूतनाथ कहाते है
रास रचा संग कान्हा के
गोपेश्वर बन जाते है
जो भी दर पे आता है
झोली भर ले जाता है
मन इच्छा फल पाता है
तेरे ही गुण गाता है
तीनो लोक तुझसे पावन
हे दयालु हे शम्भू
मेरे भोलें बाबा जटाधारी शम्भू
हे नीलकंठ त्रिपुरारी हे शम्भू।।









मेरे भोले बाबा जटाधारी शम्भू
हे नीलकंठ त्रिपुरारी हे शम्भू।।













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