मेरे बाबा भोले शंकर देवों में सबसे ऊपर भजन लिरिक्स - MadhurBhajans मधुर भजन










मेरे बाबा भोले शंकर
देवों में सबसे ऊपर
तेरे गले मे सर्प बिराजे
बैठा नंदी के ऊपर
ओ सब घट घट घट घट
घट घट में तू अविनाशी
हर शक्ति तेरे चरणों में
आके झुक जाती
मेरे बाबा भोलें शंकर।।
तर्ज तेरी आंख्या।


गंगा जल मैं अर्पण
हर बार करता हूँ
बेलपत्र से तेरा
श्रृंगार करता हूँ
भांग धतूरे का मैं तुझे
निशदिन भोग लगाऊ
मैं तो बोल बोल के बम बम
नाचूँ और खुशी मनाऊँ
ओ सब भक्तजनों का
भोला शंकर दुखनाशी
हर शक्ति तेरे चरणों में
आके झुक जाती
मेरे बाबा भोलें शंकर।।


कांवड़ लेकर आये
जो नंगे पग चलके
कष्ट मिटा दे सारे
तू उसके जीवन के
ओ गंगाधर त्रिपुरारी
तेरी महिमा अजब निराली
लाखो की विपदा टारी
तू ही सच्चा वरदानी
श्रीराम ने पूजा तुझको
बनकर बनवासी
हर शक्ति तेरे चरणों में
आके झुक जाती
मेरे बाबा भोलें शंकर।।









हुआ समंदर मंथन
तब विष बाहर आया
तीव्र दहक से उसकी
जग सारा थर्राया
बम बम की अलख जगाकर
भोले मस्ती में आये
पीकर के विष की गगरी
देवो के कष्ट मिटाए
ओ तब नीलकंठ कहलाये
भोले भंडारी
हर शक्ति तेरे चरणों में
आके झुक जाती
मेरे बाबा भोलें शंकर।।


मेरे बाबा भोले शंकर
देवों में सबसे ऊपर
तेरे गले मे सर्प बिराजे
बैठा नंदी के ऊपर
ओ सब घट घट घट घट
घट घट में तू अविनाशी
हर शक्ति तेरे चरणों में
आके झुक जाती
मेरे बाबा भोलें शंकर।।
स्वर रचना मुकेश कुमार जी।










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