मेरा मन जाए जहाँ रूप वहाँ तेरा हो भजन लिरिक्स - MadhurBhajans मधुर भजन










मेरा मन जाए जहाँ
रूप वहाँ तेरा हो
जहाँ हो चरण तेरे
जहाँ हो चरण तेरे
सर वहाँ मेरा हो
मेरा मन जाये जहाँ
रूप वहाँ तेरा हो।।
तर्ज सांवरे से मिलने का।


दास मैं तुम्हारा हूँ
इतनी दया कर दो
दास मैं तुम्हारा हूँ
इतनी दया कर दो
मेरे मन मंदिर में
आप का बसेरा हो
मेरा मन जाये जहाँ
रूप वहाँ तेरा हो।।


जीवन में बुराई की
कांटे ही उगाए है
जीवन में बुराई की
कांटे ही उगाए है
दिल के किसी कोने में
नेकी का भी डेरा हो
मेरा मन जाये जहाँ
रूप वहाँ तेरा हो।।









गम के महासागर से
पार हुआ है वो ही
गम के महासागर से
पार हुआ है वो ही
गजेसिंह जिसने भी
श्याम नाम टेरा हो


मेरा मन जाये जहाँ
रूप वहाँ तेरा हो।।


मेरा मन जाए जहाँ
रूप वहाँ तेरा हो
जहाँ हो चरण तेरे
जहाँ हो चरण तेरे
सर वहाँ मेरा हो
मेरा मन जाये जहाँ
रूप वहाँ तेरा हो।।













mera man jaye jahan roop vahan tera ho lyrics