मेरा गुरु लागे मोय प्यारा भजन लिरिक्स - MadhurBhajans मधुर भजन










मेरा गुरु लागे मोय प्यारा
दोहा सुंदर सतगुरु वन्दिये
वन्दन सोही योग
औषध शब्द पिलाय के
दूर किया सब रोग।
राम रुपया रोकड़ा
खरच्या खूटे नाय
सायब सरीखा सेठिया
बसे नगर के माय।


मेरा गुरु लागे मोय प्यारा
शब्द सुणावै भ्रम मिटावे
करे जगत से न्यारा।।


परमार्थ ले जग में आया
अलख खजाना लाया
बाँट बाँट ने सब कोही खाया
खाया लाया पाया
मेरा गुरु लागे मोहे प्यारा।।









जोग जुगत री सोई विधि जाणे
बात कछु नहीं छाने
मन पवना उल्टा कर आणे
आणे जाणे छाणे
मेरा गुरु लागे मोहे प्यारा।।


पाँचो इंद्री वश कर राखे
सुन्न सदा रस चाखे
वाणी ब्रह्म सदा मुख भाखे
भाखे राखे चाखे
मेरा गुरु लागे मोहे प्यारा।।


परम् पुरुष प्रगटिया आदू
शब्द सुणाया नादू
सुंदर कहे मेरे सतगुरु दादू
दादू आद अनादू
मेरा गुरु लागे मोहे प्यारा।।


मेरा गुरु लागें मोय प्यारा
शब्द सुणावै भ्रम मिटावे
करे जगत से न्यारा।।
स्वर संत भजनानंद जी।
प्रेषक रामेश्वर लाल पँवार।
आकाशवाणी सिंगर।
9785126052










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