मायड़ थारो वो पुत कठे महाराणा प्रताप भजन लिरिक्स - MadhurBhajans मधुर भजन
हल्दी घाटी में समर लड़यो
वो चेतक रोअसवार कठे
मायड़ थारो वो पुत कठे
वो एकलिंग दीवानकठे
वो मेवाड़ी सिरमौर कठे
वो महाराणाप्रताप कठे
देखे नीले घोड़े रा असवार।
मैं बाचों है इतिहासां में
मायड़ थे एड़ा पुतजण्या
अनबान लजायो नी थारो
रणधीरा वीसरदार बण्या
बेरीया रा वरसु बादिळा
सारा पड ग्या ऊणरे आगे
वो झुक्यो नही नर नाहरियो
हिन्दवा सुरजमेवाड़ रतन
वो महाराणा प्रताप कठे
मायड़ थारो वोपुत कठे
वो एकलिंग दीवान कठे
वो मेवाड़ी सिरमौरकठे
वो महाराणा प्रताप कठे
ये माटी हळदीघाटी री
लागे केसर और चंदनहै
माथा पर तिलक करो इण रो
इण माटी नेनिज वंदन है
या रणभूमि तीरथ भूमि द
र्शन करवा मनललचावे
उण वीरसुरमा री यादा
हिवड़ा में जोशजगा जावे
उण स्वामी भक्त चेतक री टापा
टपटप रीआवाज कठे
मायड़ थारो वो पूत कठे
वो एकलिंग दीवान कठे
वो मेवाड़ी सिरमौर कठे
वो महाराणा प्रताप कठे
संकट रा दन देख्या जतरा
वे आज कुण देखपावेला
राणा रा बेटाबेटी न
रोटी घास रीखावेला
ले संकट ने वरदान समझ
वो आजादी कोरखवारो
मेवाड़ भौम री पति राखण ने
कदै भलेझुकवारो
चरणा में धन रो ढेर कियो
दानी भामाशाहआज कठे
मायड़ थारो वो पूत कठे
वो एकलिंग दीवान कठे
वो मेवाड़ी सिरमौर कठे
वो महाराणा प्रताप कठे
भाई शक्ति बेरिया सूं मिल
भाई सूं लड़वा नेआयो
राणा रो भायड़ प्रेम देख
शक्ति सिंग भी हेशरमायों
औ नीला घोड़ा रा असवार
थे रुक जावोथेरुक जावो
चरणा में आई प़डियो शक्ति
बोल्यो मैं होकरपछतायो
वो गळे मिल्या भाईभाई
जूं रामभरत रोमिलन अठे
मायड़ थारो वो पूत कठे
वो एकलिंग दीवान कठे
वो मेवाड़ी सिरमौर कठे
वो महाराणा प्रताप कठे
वटवृक्ष पुराणॊं बोल्यो यो
सुण लो जावावारा भाई
राणा रा किमज धरया तन पे
झाला मन्नारी नरवारी
भाळो राणा रो काहे चमक्यो
आँखां मेंबिजली कड़काई
ई रगतखळगता नाळा सूं
या धरती रगत रीकहळाई
यो दरश देख अभिमानी रो
जगती में अस्योंमनख कठे
मायड़ थारो वो पूत कठे
वो एकलिंग दीवान कठे
वो मेवाड़ी सिरमौर कठे
वो महाराणा प्रताप कठे
हळदीघाटी रे किला सूं
शिवपार्वती रण देखरिया
मेवाड़ी वीरा री ताकत
अपनी निजरिया मेंतौल रिया
बोल्या शिवजीसुण पार्वती
मेवाड़ भौम रीबलिहारी
जो आछा करम करे जग में
वो अठे जनम ले नरनारी
मूं श्याम एकलिंग रूप धरी
सदियां सूं बैठो भलाअठे
मायड़ थारो वो पूत कठे
वो एकलिंग दीवान कठे
वो मेवाड़ी सिरमौर कठे
वो महाराणा प्रताप कठे
मानवता रो धरम निभायो है
भैदभाव नीजाण्यो है
सेनानायक सूरी हकीम यू
राणा रोचुकायो हे
अरे जातपात और ऊंचनीच री
बात अया नेनी भायी ही
अणी वास्ते राणा री प्रभुता
जग ने दरशाईही
वो सम्प्रदाय सदभाव री
मिले है मिसाल आजअठे
मायड़ थारो वो पूत कठे
वो एकलिंग दीवान कठे
वो मेवाड़ी सिरमौर कठे
वो महाराणा प्रताप कठे
कुम्भलगढ़ गोगुन्दा चावण्ड
हळदीघाटी ओरकोल्यारी
मेवाड़ भौम रा तीरथ है
राणा प्रताप रीबलिहारी
हे हरिद्वार काशी मथुरा पुष्कर
गलता मेंस्नान करा
सब तीरथा रा फल मिल जावे
मेवाड़ भौम मेंजद विचरां
कवि माधव नमन करे शतशत
मोती मगरी परआज अठे
मायड़ थारो वो पूत कठे
वो एकलिंग दीवान कठे
वो मेवाड़ी सिरमौर कठे
वो महाराणा प्रताप कठे
अरे आज देश री सीमा पर
संकट रा बादळमंडराया
ये पाकिस्तानी घुसपेठीया
भारत सीमा मेंघुस आया
भारत रा वीर जवाना थे
याने यो सबकसिखा दिजो
थे हो प्रताप रा ही वंशज
याने यो आज बतादिजो
यो कशमीर भारत रो है
कुण आंखदिखावे आज अठे
मायड़ थारो वो पूत कठे
वो एकलिंग दीवान कठे
वो मेवाड़ी सिरमौर कठे
वो महाराणा प्रताप कठे
हल्दी घाटी में समर लड़यो
वो चेतक रोअसवार कठे
मायड़ थारो वो पुत कठे
वो एकलिंग दीवानकठे
वो मेवाड़ी सिरमौर कठे
वो महाराणाप्रताप कठे
mayad tharo vo puth kathe lyrics in hindi