माया का लोभी मत करे अभिमान भजन लिरिक्स - MadhurBhajans मधुर भजन
माया का लोभी मत करे अभिमान
मिल्यो अवसर तू तो भज हरि नाम
मिल्यो अवसर तू तो भज हरि नाम।।
या माया रे जैसी तरुवर की छाया
जो पड़िया फंद एका खूब पछताया
कभी लगे धूप भैया कभी लगे छांव
मिल्यो अवसर तू तो भज हरि नाम।।
या माया में जो उलझाया
या माया को पार नी पाया
पडे दुख भारी भैया रोवे सुबह शाम
मिल्यो अवसर तू तो भज हरि नाम।।
या माया ने जगत ठगोरी
रावण ने सीता खे चोरी
मीटी गयो भाई देखो नाम रे निसान
मिल्यो अवसर तू तो भज हरि नाम।।
माया का लोभी मत करे अभिमान
मिल्यो अवसर तू तो भज हरि नाम
मिल्यो अवसर तू तो भज हरि नाम।।
प्रेषक घनश्याम बागवान।
7879338198
maya ka lobhi mat kare abhiman lyrics