मथुरा में ना है डेरा गोकुल न घर है तेरा भजन लिरिक्स - MadhurBhajans मधुर भजन










मथुरा में ना है डेरा
गोकुल न घर है तेरा
सच्चे भगत के मन में
सच्चे भगत के मन में
कृष्णा का है बसेरा
मथुरा में ना हैं डेरा
गोकुल न घर है तेरा।।
तर्ज चूड़ी मजा ना देगी।


शक्ति हो जिसकी जैसी
करे पूजा भक्त वो वैसी
कोई चांदी छतर चढ़ाए
कोई धन दौलत लुटवाए
कोई धन दौलत लुटवाए
दो फूल मैं चढ़ाऊँ
दो फूल मैं चढ़ाऊँ
कहता है मन ये मेरा
मथुरा में ना हैं डेरा
गोकुल न घर है तेरा।।


कान्हा तुम्हारे कारण
महका ये सुना आँगन
आते ही तेरे दाता
धरती हुई है पावन
अब बीती काली राते
अब बीती काली राते
लाया है तू सवेरा
मथुरा में ना हैं डेरा
गोकुल न घर है तेरा।।









मथुरा में ना है डेरा
गोकुल न घर है तेरा
सच्चे भगत के मन में
सच्चे भगत के मन में
कृष्णा का है बसेरा
मथुरा में ना हैं डेरा
गोकुल न घर है तेरा।।












mathura me na hai dera gokul na ghar hai tera lyrics