अरे मत ना बेच कसायां के तन्नै दुध पिलाया करती - MadhurBhajans मधुर भजन










अरे मत ना बेच कसायां के
तन्नै दुध पिलाया करती
और तुं माँ कह क बोलया करता
मैं नाड़ हिलाया करती।।


माँ कह हथ्थे में कटवावः
डुब गया तन्नै दया ना आवः
बुढ़ी होगी दाम उठावः
तेरा काम चलाया करती
अरे मतना बेच कसायां क
मैं नाड़ हिलाया करती।।


एक छोटा सा बछड़ा जाया
जिसने तेरः खुब कमाया
उस दिन तुं फुलया नहीं समाया
तेरः जिनस आया करती
अरे मतना बेच कसायां क
मैं नाड़ हिलाया करती।।


काढ जेवड़ा तुं लाठी मारः
जब छीक मैं क आऊँ दवारः
बाल्टी में धार मारः
पां ना ठाया करती
अरे मतना बेच कसायां क
मैं नाड़ हिलाया करती।।









क दिन घरां बैठ क खावः
किसकी खातर पाप कमावः
अशोक भक्त तन्नै कुछ ना थयावः
न्युं समझाया करती
अरे मतना बेच कसायां क
मैं नाड़ हिलाया करती।।


अरे मत ना बेच कसायां के
तन्नै दुध पिलाया करती
और तुं माँ कह क बोलया करता
मैं नाड़ हिलाया करती।।
गायक नरेन्द्र कौशिक।
भजन प्रेषक राकेश कुमार जी
खरक जाटानरोहतक
9992976579










mat na bech kasaya ke tane dudh pilaya karti