मति कर मन अन्न धन रो गुमान चेतावनी भजन लिरिक्स - MadhurBhajans मधुर भजन
मति कर मन अन्न धन रो गुमान
बादल वाली रे रीती छावली।।
मत कर मन मद पद रो गुमान
जवानी दीवानी दो दिन पावणी।।
मती कर मन तू माया की मरोड़
माया का वैता रे देख्या काकरा।।
मती कर मन तू काया रो गुमान
काया का पड़ता रे देख्या कोयला।।
मती कर मन थू बल रो मिजाज
रावण सरिखा रूलग्या रेता में।।
मती कर मन मोटापण रो अभिमान
डूंगर बहता रे देख्या परला में।।
गुरा रे भरोसे कर आत्म ओळखाण
माया का लोभी रे भैरव कई यू रियो।।
मति कर मन अन्न धन रो गुमान
बादल वाली रे रीती छावली।।
गायक प्रेषक मनीष गर्ग नेवरिया।
चित्तौड़गढ़ 9928398452
mat kar man ann dhan ro guman lyrics