मत जा सांवरिया मथुरा छोड़ अकेले भजन लिरिक्स - MadhurBhajans मधुर भजन










मत जा सांवरिया मथुरा
छोड़ अकेले।
तर्ज तेरी बेवफाई का शिकवा।
दोहा मेरे श्याम निकुन्ज पिया
जुदाई का जहर क्यों हमको दिया
रुक जा या तो वरना
खींच लू पकड़ के तोरी बैया।
मत जा साँवरिया मथुरा
छोड़ अकेले
तेरी ये राधा तुझको रो रो पुकारे
तुम ही मेरी शाम हो
तुम ही सवेरे
तेरी ये राधा तुझको रो रो पुकारे।।









ये वंशीवट और ये कुन्ज गलिया
सुना है वृन्दावन
ये तुझ बिन कन्हिया
सेवा कुन्ज निधिवन में
सेवा कुन्ज निधिवन में
रास रचा रे
तेरे कदम्ब भी तुझ बिन
लगते ना प्यारे
मत जा साँवरिया मथुरा
छोड़ अकेले
तेरी ये राधा तुझको रो रो पुकारे।।


ना हम है जियेगें
ना तुम जी सकोंगे
ये मधुवन ये उपवन
ना फिर खिल सकेंगे
हनी भी निहारे तुझको
यमुना किनारे
जाने वाले अब तो
नजरे मिला रे
मत जा साँवरिया मथुरा
छोड़ अकेले
तेरी ये राधा तुझको रो रो पुकारे।।


मत जा साँवरिया मथुरा
छोड़ अकेले
तेरी ये राधा तुझको रो रो पुकारे
तुम ही मेरी शाम हो
तुम ही सवेरे
तेरी ये राधा तुझको रो रो पुकारे।।















mat ja sawariya mathura chod akele