मरुधर धरती ऊंचो रे मंदिर है जंभेश्वर भजन लिरिक्स - MadhurBhajans मधुर भजन
मरुधर धरती ऊंचो रे मंदिर है
मांई विराजे जंभेश्वर भगवान
समराथल धाम में।।
ध्यावे पूजे थाने सगला नर नार जी
अठे विराजे विष्णु रा अवतार
समराथल धाम में।।
गढ रे बीकाणा में मोटो थारों धाम जी
अठे विराजे जंभेश्वर भगवान
समराथल धाम में।।
29 नियमों को पंत बनाया जी
जीव दया रो अर्थ समझाइए जी
करी तपस्या समराथल धाम
समराथल धाम में।।
जीव पालन एवं वन लगावण
लड़े पर्यावरण रक्षा के खातिर
अठे विराजे विष्णु रा अवतार
समराथल धाम में।।
विष्णु रे विष्णु भण रे प्राणी
होवसी बेड़ा पार
समराथल धाम में।।
भगत रे थारी आवे मुकाम
पर जुक जुक करे निवण प्रणाम
समराथल धाम में।।
गणेश फौजी थारी महिमा बनावेजी
रमेश सारण थारी महिमा गावे जी
करे करे थाने ओ प्रणाम
समराथल धाम में।।
मरुधर धरती ऊंचो रे मंदिर है
मांई विराजे जंभेश्वर भगवान
समराथल धाम में।।
गायक प्रेषक लोक गायक रमेश सारण।
बाङमेर 9571547445
marudhar dharti uncho re mandir hai jambheswar bhajan lyrics