मनवा रे अब मान ले कहना भजन लिरिक्स - MadhurBhajans मधुर भजन
मनवा रे अब मान ले कहना
दिन और बचे न
काहे न भजन करे हो।।
तर्ज चँदा रे मेरे भइया से।
ये जीवन पानी का रैला
ये तन है माटी का ढैला
चार दिनो का है ये मैला
पल का नही है ठिकाना
काहे न भजन करे
मनवा रै अब मान ले कहना
दिन और बचे न
काहे न भजन करे हो।।
नाम हरि का मन तू भजले
गुरूवाणी पे अमल तू करले
घर ये किराए का है पगले
इसमे सदा नही रहना
काहे न भजन करे
मनवा रै अब मान ले कहना
दिन और बचे न
काहे न भजन करे हो।।
गूरु चरणो मे ध्यान लगालै
तेरे अँग सँग है नँगली वाले
आज तू अपना भाग्य जगाले
सोते ही न रहना
काहे न भजन करे
मनवा रै अब मान ले कहना
दिन और बचे न
काहे न भजन करे हो।।
मनवा रे अब मान ले कहना
दिन और बचे न
काहे न भजन करे हो।।
भजन लेखक एवं प्रेषक
शिवनारायण वर्मा
मोबान8818932923
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manwa re ab maan le kahna lyrics