मानव ऐसी करनी कर रे पाछे लोग करे गुणगान लिरिक्स - MadhurBhajans मधुर भजन










मानव ऐसी करनी कर रे
पाछे लोग करें गुणगान।
दोहा गुजरान भलो दुख दिन पणे
कर काज अनीति कमावणो ना
निजी स्वार्थ कारण भूल कबू
कर घात न जीव सतावणो ना।
कहीं बंधु समाज ने मीत सगो
इन काज न धर्म हटावणो ना
दिन चार यहां उपकार करो
फिर भारती पूरण आवणो ना।
क्या परदेसी की प्रीत
पूस का तापणा
उठ चले प्रभात
कोई नहीं आपणा।
इन सरवर की पाल
हंस दो दिन पावणा
शतशत भणे कबीर
फिर नहीं आवणा।


मानव ऐसी करनी कर रे
पाछे लोग करें गुणगान।।









दानव बन मत जीव सतावे
सब घट में भगवान
आत्म ही परमात्म प्यारा
गावे वेद पुराण
मानव ऐसी करनी कर रें
पाछे लोग करें गुणगान।।


पर पीड़ा सम नहीं अदमाई
धर्म न दया समान
धर्म लिंग दस धारण करता
सहजा होय कल्याण
मानव ऐसी करनी कर रें
पाछे लोग करें गुणगान।।


भोम सम्राट मही पद जिनके
मिट गया नाम निशान
भजयो राम रिया नीति में
सदा अमर यश जान
मानव ऐसी करनी कर रें
पाछे लोग करें गुणगान।।


चेतन भारती गुरु समझावे
मानव धर्म पहचान
भारती पूर्ण नेकी करणी
सकल सुखों की खान
मानव ऐसी करनी कर रें
पाछे लोग करें गुणगान।।


मानव ऐसी करनी कर रें
पाछे लोग करें गुणगान।
गायक पुरण भारती जी महाराज।

8824030646










manav aisi karni kar re pache log kare gungan lyrics