मन तू अमोल बाणी बोल थारो तिन लोक में मोल - MadhurBhajans मधुर भजन










मन तू अमोल बाणी बोल
थारो तिन लोक में मोल।।


ओहम सोहम दो पलवा बणायाँ
आरे भाई निरगुण उत्तर से तोल
तन मन धन का बाट बणायाँ
आरे भाई सुरत मुरत सी तोल
आठ नौ मास गरभ में रयो
आरे भाई कळु म झूट मत बोल
मन तु अमोल बाणी बोल।।


इस काया का दस दरवाजा
आरे भाई इधर उधर मत डोल
भव सागर अथाय भरीयो है
आरे भाई सत का पलवाँ तोल
कहे गुरू सिंगा सुणो भाई साधू
आरे भाई अमर वचन नीत बोल
मन तु अमोल बाणी बोल।।


मन तू अमोल बाणी बोल
थारो तिन लोक में मोल।।







प्रेषक घनश्याम बागवान सिद्दीकगंज मगरदा
7879338198










man tu amol vani bol nimadi bhajan lyrics