मन से हंस बने मत कागा संगत छोड़ दे खोटा की लिरिक्स - MadhurBhajans मधुर भजन










मन से हंस बने मत कागा
संगत छोड़ दे खोटा की
भवसागर से तिरणो वे तो
बाह पकड़ ले मोटा की।।


कच्चा गुरु का चेला काबरा
फौज बणी है नकटा की
चिल्ला चाटी जुगत बनावे
जुगत बनावे दो रोटा की
भवसागर से तिरणो वे तो
बाह पकड़ ले मोटा की।।


हाकम होय हकीकत पूछे
अमि सूख जावे होटा की
जिण दिन हाथ पड़े भाया को
मार पड़ेला बूटा की
भवसागर से तिरणो वे तो
बाह पकड़ ले मोटा की।।


अली गली में फिरे भटकता
पगड़ी बांधे आटा की
एक दिन मार पड़े जमड़ा की
मार पड़ेला होटा की
भवसागर से तिरणो वे तो
बाह पकड़ ले मोटा की।।









मारो मन तो मान गया है
संगत छोड़ दी खोटा की
साहेब कबीर सेन बताइए
बांह पकड़ ली शब्दा की
भवसागर से तिरणो वे तो
बाह पकड़ ले मोटा की।।


मन से हंस बने मत कागा
संगत छोड़ दे खोटा की
भवसागर से तिरणो वे तो
बाह पकड़ ले मोटा की।।
गायक प्रहलाद सिंह टिपानिया।
प्रेषक लेहरी लाल।
9057243272










man se hans bane mat kaga bhajan lyrics