मन नाम जपो हरि नाम जपो भजन लिरिक्स - MadhurBhajans मधुर भजन
मन नाम जपो हरि नाम जपो
भव सागर से तर जाएँगे रे
मन नाम जपो हरि नाम जपो।।
तर्ज मत प्यार करो परदेसी से।
इन ऊँचे ऊँचे महलो का
मत करना तू अभिमान कभी
जिनको तू यहाँ अपना समझे रे
जिनको तू यहाँ अपना समझे
ये अपने यहीँ रह जाएँगे रे
मन नाम जपो हरी नाम जपो
भव सागर से तर जाएँगे रे
मन नाम जपो हरि नाम जपो।।
हरि भजन ही असली मक़सद है
सँसार मे अपने आने का
मक़सद अपना पूरा करले रे
मक़सद अपना पूरा करले
वर्ना यूँ ही मर जाएँगे रे
मन नाम जपो हरी नाम जपो
भव सागर से तर जाएँगे रे
मन नाम जपो हरि नाम जपो।।
जीवन को अपने करले सफल
तू जाग भी जा अब तो प्यारे
हरि भजन बिना नही कोई तरा
फिर हम कैसे तर पाएँगे रे
मन नाम जपो हरी नाम जपो
भव सागर से तर जाएँगे रे
मन नाम जपो हरि नाम जपो।।
मन नाम जपो हरि नाम जपो
भव सागर से तर जाएँगे रे
मन नाम जपो हरि नाम जपो।।
भजन लेखक एवं प्रेषक
शिवनारायण वर्मा
मोबान8818932923
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man naam japo hari naam japo lyrics