मन मंदिर में बसा रखी है गुरु तस्वीर सलोनी जैन भजन - MadhurBhajans मधुर भजन
मन मंदिर में बसा रखी है
गुरु तस्वीर सलोनी
रोम रोम में बसे है गुरुवर
विधा सागर मुनिवर।।
गुरुवर विद्या सागरजी है
करुणा की गागरजी
चर्या आपकी आगम रूप
दिखते हो अरिहंत स्वरूप
दर्शन जो भी पाता है
गुरूवर का हो जाता है।।
दिव्य आप का दर्शन है
भव्य आपका चिंतन है
प्रवचन देते आध्यात्मिक
और कभी सम सामायिक
हाथ मे पिछी कमंडल है
और पीछे भक्त मंडल है।।
मृदु आपकी वाणी है
मुख से बहे जिनवाणी है
सरल गुरु कहलाते हो
खूब आशीष लुटाते हो
तुम गुरुदेव हमारे हो
हम भक्तो को प्यारे हो।।
मन मंदिर में बसा रखी है
गुरु तस्वीर सलोनी
रोम रोम में बसे है गुरुवर
विधा सागर मुनिवर।।
गायक प्रेषक दिनेश जैन एडवोकेट।
8370099099
man mandir me basa rakhi hai guru tasveer saloni lyrics