मालिक ने भजो गिवारा मत भूलो ही बारम्बारा लिरिक्स - MadhurBhajans मधुर भजन
मालिक ने भजो गिवारा
मत भूलो ही बारम्बारा।
दोहा सायब तेरी सायबी
सब घट रही समाय
ज्यूँ मेहंदी रे पान में
लाली लखी न जाय।
आया है जो जाएगा
राजा रंक फ़क़ीर
एक सिंघासन बैठ चल्या
एक बंधा जाय जंजीर।
मालिक ने भजो गिवारा
मत भूलो ही बारम्बारा
बीरा जन्म लियो ज्याने मरणो
ईश्वर घर लेखों भरणो।।
बाजीगर खेल रचायो
सब खलक तमाशे आयो
बाजीगर कला समेटी
ओ रे गयो आप अगेती।।
तुझे पान फूल फल चाहिए
बेलड़िया सींचतो रहिये
बेलड़िया वन फल लागा
थारा जन्म मरण भव भागा।।
तुझे दर्शन करना चाहिये
दर्पण को माजतो रहिये
दर्पण में आवे झाँही
थने दर्शन व्हेला नाही।।
तुझे पार उतरना चाहिए
खेवटिये सू मिलतो रहिये
खेवटियो पार उतारे
थने भवसागर सू प्यारे।।
आ केवे कबीर सा वाणी
वाणी को सन्त पिछाणी
पिछाणया नाय पतीजे
इण मूर्ख रो कांई कीजे।।
मालिक ने भजो गवारा
मत भूलो ही बारम्बारा
बीरा जन्म लियो ज्याने मरणो
ईश्वर घर लेखों भरणो।।
गायक प्रेमनाथ डेगाना।
प्रेषक रामेश्वर लाल पँवार।
आकाशवाणी सिंगर।
9785126052
malik ne bhajo givara chetawani bhajan lyrics