मैया ओढ़ चुनरिया लाल के बैठी कर सोलह श्रृंगार भजन लिरिक्स - MadhurBhajans मधुर भजन
मैया ओढ़ चुनरिया लाल
के बैठी कर सोलह श्रृंगार
बड़ी प्यारी लागे
बड़ी सोणी लागे
बड़ी प्यारी लागे
बड़ी सोणी लागे।।
लाल चुनरियाँ चम चम चमके
रोली को टीको दम दम दमके
थारे हाथ मेहंदी लाल
के बैठी कर सोलह श्रृंगार
बड़ी प्यारी लागे
बड़ी सोणी लागे
बड़ी प्यारी लागे
बड़ी सोणी लागे।।
पगल्या री पायल छम छम छमके
हाथां रो चुड़लो खन खन खनके
थारे गल हीरा को हार
के बैठी कर सोलह श्रृंगार
बड़ी प्यारी लागे
बड़ी सोणी लागे
बड़ी प्यारी लागे
बड़ी सोणी लागे।।
खोल खजानो बैठी मेरी मईया
जो चाहे सो मांग लो भईया
म्हारी मईया लखदातार
के बैठी कर सोलह श्रृंगार
बड़ी प्यारी लागे
बड़ी सोणी लागे
बड़ी प्यारी लागे
बड़ी सोणी लागे।।
मैया ओढ़ चुनरिया लाल
के बैठी कर सोलह श्रृंगार
बड़ी प्यारी लागे
बड़ी सोणी लागे
बड़ी प्यारी लागे
बड़ी सोणी लागे।।
स्वर सौरभ मधुकर।
maiya odh chunariya lal baithi kar solah shringar lyrics