मैया के चरणों में झुकता है संसार भजन लिरिक्स - MadhurBhajans मधुर भजन










मैया के चरणों में
झुकता है संसार
तीनों लोक में होती
माँ तेरी जय जयकार।।
तर्ज सावन का महीना।


सुख में तो मैया तुझसे
दूर रहा मैं
धन पद यश के मद में
चूर रहा मैं
जब दुःख ने सताया
तो आया तेरे द्वार
तीनों लोक में होती
माँ तेरी जय जयकार।।


रक्त बीज को मैया
तुमने ही मारा
शुम्भ निशुम्भ को मैया
तूने ही संहारा
निर्मल मन से करती
माँ भक्तों पे उपकार
तीनों लोक में होती
माँ तेरी जय जयकार।।









भक्ति भाव से जो भी
शीश झुका दे
दुनिया का वैभव माँ तू
उसपे लुटा दे
अनुज सतेंद्र बखाने
तेरी महिमा अपरम्पार
तीनों लोक में होती
माँ तेरी जय जयकार।।


मैया के चरणों में
झुकता है संसार
तीनों लोक में होती
माँ तेरी जय जयकार।।










maiya ke charno me jhukta hai sansar lyrics