मैया भुवना तुम्हार आल्हा ने झंडा गड़ा दये - MadhurBhajans मधुर भजन
मैया भुवना तुम्हार
मैया भुवनां तुम्हार
आल्हा ने झंडा गड़ा दये।।
नौ दिन मैया की ज्योति जलाई
नरियल निबुआ की भेंटे चढ़ाई
हमरी सुनियो पुकार
हमरी सुनियो पुकार
आल्हा ने झंडा गड़ा दये।।
लाल टिकी लाल महावर चढ़ा रहे
गोटा जड़ी लाल चुनरी उड़ा रहे
माँ को कर दयो सिंगार
माँ को कर दयो सिंगार
आल्हा ने झंडा गड़ा दये।।
चंपा चमेली के हार बनाये
हलुआ पूड़ी के भोग लगाएं
माई करियो स्वीकार
माई करियो स्वीकार
आल्हा ने झंडा गड़ा दये।।
शिव शंकर तेरो ध्यान लगाये
ब्रम्हा विष्णु भेद न पाये
माँ की महिमा अपार
माँ की महिमा अपार
आल्हा ने झंडा गड़ा दये।।
तीन लोक चौदह भुवनों में
शीश धरे तुम्हरे चरणों में
खूब हो रही जयकार
खूब हो रही जयकार
आल्हा ने झंडा गड़ा दये।।
मेहर करो माँ मैहर वाली
पदम् खड़ो है द्वारे सवाली
दरश दे दो एक बार
दरश दे दो एक बार
आल्हा ने झंडा गड़ा दये।।
मैया भुवना तुम्हार
मैया भुवनां तुम्हार
आल्हा ने झंडा गड़ा दये।।
गायक प्रेषक डालचंद कुशवाह पदम।
9993786852
maiya bhuwna tumhar aalha ne jhanda gada diye