मैंने श्याम से अर्ज़ी लगाई किसी से अब क्यूँ कहना लिरिक्स - MadhurBhajans मधुर भजन










मैंने श्याम से अर्ज़ी लगाई
किसी से अब क्यूँ कहना
श्याम करता है सुनवाई
किसी से अब क्यूँ कहना
मैंने श्याम से अर्ज लगाई
किसी से अब क्यूँ कहना।।
तर्ज तुझे याद ना मेरी आई।


ज़माना हसा मुझ पे
कहा कुछ नही तुझसे
तेरी सुनी थी बहुत बड़ाई
मेरी भी कर सुनवाई
तुझ से ही आस लगाई
किसी से अब क्यूँ कहना
मैंने श्याम से अर्ज लगाई
किसी से अब क्यूँ कहना।।


जहाँ की खुशी दे दी
लबों पे हँसी दे दी
जब मोरछड़ी लहराई
हर विपदा दूर हटाई
अब तुझमे लौ है लगाई
किसी से अब क्यूँ कहना
मैंने श्याम से अर्ज लगाई
किसी से अब क्यूँ कहना।।









मुश्किलें आसान कर दी
मेरी भी झोली भर दी
जब राज तेरे दर आया
तुझे दिल का हाल सुनाया
तब तूने पकड़ी कलाई
अब सही ना जाए जुदाई
किसी से अब क्यूँ कहना
मैंने श्याम से अर्ज लगाई
किसी से अब क्यूँ कहना।।


मैंने श्याम से अर्ज़ी लगाई
किसी से अब क्यूँ कहना
श्याम करता है सुनवाई
किसी से अब क्यूँ कहना
मैंने श्याम से अर्ज लगाई
किसी से अब क्यूँ कहना।।
स्वर आरती जी शर्मा।










maine shyam se arji lagai kisi se ab kya kehna lyrics