आहे मैं उठ सवेरे नहाई बाबा की जोत जगाई - MadhurBhajans मधुर भजन










आहे मैं उठ सवेरे नहाई
बाबा की जोत जगाई।।


सवा हाथ मन्नै धरती लिपी
फेर मन्नै लक्ष्मण रेखा खिंची
आहे मन्नै फेर तस्वीर जचाई
बाबा की जोत जगाई।।


मार चोखड़ी ध्यान जमाया
मन्नै बाबा का भोग लगाया
ऐसी मस्ती छाई
बाबा की जोत जगाई।।


बाल रूप के दर्शन होगये
मन बुद्धि नयुं प्रशन्न होगये
होती नहीं समाई
बाबा की जोत जगाई।।









अशोक भक्त ने ले ली शिक्षा
शोताश की यो लेवः परीक्षा
राजपाल ने समझाई
बाबा की जोत जगाई।।


आहे मैं उठ सवेरे नहाई
बाबा की जोत जगाई।।
गायक नरेंद्र कौशिक जी।
प्रेषक राकेश कुमार खरक जाटानरोहतक
9992976579










main uth savere nahai baba ki jyot jalai lyrics