म्हें तो ढूंढ्यो जग सारो था स्यूं कोई नहीं न्यारो - MadhurBhajans मधुर भजन
म्हें तो ढूंढ्यो जग सारो
था स्यूं कोई नहीं न्यारो
देख्यो थां रो ही उणियारो
अब तो मोर मुकुट सिर धारो होऽ गिरधर
धारो होऽ गिरधर
ऴुक छिप आप कठै जास्यो।
न्यारा म्हां नै छोड कठै जास्यो।।
थां नै ओळख लीन्हां आज
म्हां री सुण ल्यो थे आवाज
क्यूं छो भगतां स्यूं नाराज
ऴुकतां आवै नाहीं लाज
अब थे नैड़ा म्हां रै क्यूं नहीं आवो होऽ गिरधर
आवो होऽ गिरधर
ऴुक छिप आप कठै जास्यो।
न्यारा म्हां नै छोड कठै जास्यो।।१।।
ढूंढ्या धरणी अर आकास
थे तो बैठ्या म्हां रै पास
प्रभु हूं तो थां रो दास
थे छो माळक म्हां रा खास
थे तो मीठामीठा बैंण उचारो होऽ गिरधर
उचारो होऽ गिरधर
ऴुक छिप आप कठै जास्यो।
न्यारा म्हां नै छोड कठै जास्यो।।२।।
थां नै समझ ले ना दूर
थे तो हाजर हजूर
थां रो छळकै है नूर
थां री किरपा है भरपूर
म्हां रै हिवड़ै निवास है थां रो होऽ गिरधर
थां रो होऽ गिरधर
ऴुक छिप आप कठै जास्यो।
न्यारा म्हां नै छोड कठै जास्यो।।३।।
म्हां पर किरपा कर दी नाथ
पायो प्रेमी जण़ रो साथ
म्हां रै सिर पर थां रो हाथ
अब तो मिलस्यां बांथ ऊं बांथ
थां रो कीर्तन लागै म्हां नै प्यारो होऽ गिरधर
प्यारो होऽ गिरधर
ऴुक छिप आप कठै जास्यो।
न्यारा म्हां नै छोड कठै जास्यो।।४।।
म्हें तो ढूंढ्यो जग सारो
था स्यूं कोई नहीं न्यारो
देख्यो थां रो ही उणियारो
अब तो मोर मुकुट सिर धारो होऽ गिरधर
धारो होऽ गिरधर
ऴुक छिप आप कठै जास्यो।
न्यारा म्हां नै छोड कठै जास्यो।।
प्रेषक विवेक अग्रवाऴ जी।
९०३८२८८८१५
main to dhudhyo jag saro tha su koi nahi nyaro lyrics