मैं कई पाप किदो यमदुता धीरे दो कोड़ा की - MadhurBhajans मधुर भजन










मैं कई पाप किदो यमदुता
धीरे दो कोड़ा की।।


माता पिता को केणो न मान्यो
न तो सुनतो वाकी
बुढापा में हीडा न किदा
न उड़ाई माकी।
मैं कई पाप किदो यमदूता
धीरे दो कोड़ा की।।


गरीबा ने गणो लुटतो
कहतो ब्याज बाकी
गर्भ घमंड में फिरतो रेतों
नाड राखतो बांकी।
मैं कई पाप किदो यमदूता
धीरे दो कोड़ा की।।


पराई नार ने बेन बना ली
राखी डोरा साखी
पर्दे मोज्या मानतो थूं
नार बना ली घर की।
मैं कई पाप किदो यमदूता
धीरे दो कोड़ा की।।









भोला ढाला ने दुख देतो थूं
रोगी घृणा वांकी
झूठ कपट से माया जोड़ी
फेर बोल रियो काकी।
मैं कई पाप किदो यमदूता
धीरे दो कोड़ा की।।


राम नाम कधी न भजतो
न सत्संग में झांकी
नूगरो रेग्यो भाईडा रे थारे
गुरु नाथ नही नाकी।
मैं कई पाप किदो यमदूता
धीरे दो कोड़ा की।।


बुद्धपुरी गुरुदेव भीम जी
शारद माता झांकी
भेरयो गारी गुरु शरण में
प्रभु सुणज्यो माकी।
मैं कई पाप किदो यमदूता
धीरे दो कोड़ा की।।


मैं कई पाप किदो यमदुता
धीरे दो कोड़ा की।।
गायक चम्पा लाल प्रजापति।
मालासेरी डूँगरी 8947915979










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