मैं बिना दाम की दासी हूँ हरि आ जाओ हरि आ जाओ लिरिक्स - MadhurBhajans मधुर भजन










मैं बिना दाम की दासी हूँ
हरि आ जाओ हरि आ जाओ।।


ऐ मेरे प्रभु किरपा कर दो
मेरे दोषों पर ध्यान ना दो
अघसिंधु हूं मैं अघहारी प्रभु
पापों को हरने आ जाओ
मैं बिना दाम की दासी हूं
हरि आ जाओ हरि आ जाओ।।


तुम करुणा सिंधु कहलाते हो
अपना यह प्रण क्यों भुलाते हो
मेरी विनती है यही प्रभु
करुणा करके तुम आ जाओ
मैं बिना दाम की दासी हूं
हरि आ जाओ हरि आ जाओ।।


मुझ में ना साधना योग ज्ञान
मैं अभिमानी छल कपट धाम
मुझ में कुछ है सामर्थ नहीं
प्रभु कृपा दृष्टि निज बरसाओ
मैं बिना दाम की दासी हूं
हरि आ जाओ हरि आ जाओ।।









मुझ दासी को अपना लो प्रभु
मुझे अपनी शरण में ले लो प्रभु
इस लाड़ली पर करुणा करके
निज चरण शरण में ले जाओ
मैं बिना दाम की दासी हूं
हरि आ जाओ हरि आ जाओ।।


मैं बिना दाम की दासी हूँ
हरि आ जाओ हरि आ जाओ।।
स्वर स्वामी अभयेश्वर प्रपन्नाचार्य जी महाराज।
लाड़ली सदन श्री धाम वृन्दावन।
9450631727










main bina daam ki dasi hun bhajan lyrics