महिमा तेरी समझ सका ना कोई भोले शंकर भजन लिरिक्स - MadhurBhajans मधुर भजन
महिमा तेरी समझ सका ना
कोई भोले शंकर
कभी तो भोले भंडारी हो
कभी तो रूप भयंकर
कभी तो भोले भंडारी हो
कभी तो रूप भयंकर।।
भक्तों के मन को भाती है
भोले छवि तुम्हारी
माथे चंदा जटा में गंगा
और नंदी की सवारी
बाएं अंग में गौरा माता
बैठी आसन लाकर
कभी तो भोले भंडारी हो
कभी तो रूप भयंकर।।
और रूप भयंकर रूप तुम्हारा
जब तांडव हो करते
सुर नर मुनि और देवता भी है
ऐसे रूप से डरते
प्रलयकारी रूप दिखे जब
खोलो तीसरा नेत्र
कभी तो भोले भंडारी हो
कभी तो रूप भयंकर।।
है विनती मेरी ये भोले
किरपा मुझ पे करना
तेरे चरणों में रहकर
है तेरा नाम सुमिरना
ओज सुरेश खड़ा है देखो
दोनों हाथ जोड़कर
कभी तो भोले भंडारी हो
कभी तो रूप भयंकर।।
महिमा तेरी समझ सका ना
कोई भोले शंकर
कभी तो भोले भंडारी हो
कभी तो रूप भयंकर
कभी तो भोले भंडारी हो
कभी तो रूप भयंकर।।
mahima teri samjh saka na koi bhole shankar lyrics