महिमा है ओमकार की भाई साधो कुछ संत कहता रे पुकार - MadhurBhajans मधुर भजन










महिमा है ओमकार की
भाई साधो
कुछ संत कहता रे पुकार।।


अब अवधिया में ॐ कह तो
अपरं वाणी चार वेद में
ॐ सब सीवरों प्राणी
अनहद में ॐ है
सब धातु में ॐ
सब धातु क्या अर्थ है
जाने कोई जाननहार
महिमा है ॐकार की
भाई साधो
कुछ संत कहता रे पुकार।।


अंत अकेला जाय ॐ का
सकल पसारा बीज रूप से
ॐ बरसता सत्संग सारा
जल थल में ॐ है
जा देखु वहां ॐ
ॐ में सब होत है
जल पान फल फूल
महिमा है ॐकार की
भाई साधो
कुछ संत कहता रे पुकार।।


त्रिकुटी में ॐ ॐ में
अनहद वाणी
अनहद में है
जोत जोत में ब्रह्म पहचानी
मन के लिए चाहत है
प्रेम पदारथ जान
अवध बणिया साधु आवे
पावे पद निर्वाण
महिमा है ॐकार की
भाई साधो
कुछ संत कहता रे पुकार।।









वेदों के अनुसार ॐ की
महिमा गाई किया सिमरन
ॐ अंत मे मुगति पाई
राम भारती सिमरत मिलिया
ओमनाम आधार
रामभारती संता सुणरे
गाया थारा वेद पुराण
महिमा है ॐकार की
भाई साधो
कुछ संत कहता रे पुकार।।


महिमा है ओमकार की
भाई साधो
कुछ संत कहता रे पुकार।।
गायक प्रेषक पंडित श्यामनिवास जी।
9983121148










mahima hai omkar ki bhai sadho lyrics