मदिरा पी कर के नाचे यो म्हारो भेरु अमली भजन लिरिक्स - MadhurBhajans मधुर भजन










मदिरा पी कर के नाचे यो म्हारो
भेरु अमली मदिरा पी कर के
पांवा माहि घुंगरा बाजे
पांवा माहि घुंगरा बाजे
नाचे अमली मदिरा पी कर के
मदिरा पि कर के नाचे यो म्हारो
भेरु अमली मदिरा पी कर के।।
तर्ज धमाल।


भेरुजी ने मदिरा प्यारी
सारो जग बतलावे जी
प्रेम से जो भी भोग लगावे
प्रेम से जो भी भोग लगावे
रीझे अमली मदिरा पी कर के
मदिरा पि कर के नाचे यो म्हारो
भैरव अमली मदिरा पी कर के।।


जो कोई मदिरा पान करावे
भेरू जी ने हाथां से
वी का बेडा पार लगावे
वी का बेडा पार लगावे
भेरू अमली मदिरा पी कर के
मदिरा पि कर के नाचे यो म्हारो
भैरव अमली मदिरा पी कर के।।









श्याम कवे थारे खाते में
म्हारो नाम लिख्या दो जी
भर भर प्याला भोग लगास्यूँ
भर भर प्याला भोग लगास्यूँ
थाने अमली मदिरा पी कर के
मदिरा पि कर के नाचे यो म्हारो
भैरव अमली मदिरा पी कर के।।


मदिरा पी कर के नाचे यो म्हारो
भेरु अमली मदिरा पी कर के
पांवा माहि घुंगरा बाजे
पांवा माहि घुंगरा बाजे
नाचे अमली मदिरा पी कर के
मदिरा पि कर के नाचे यो म्हारो
भैरव अमली मदिरा पी कर के।।
स्वर श्याम अग्रवाल जी।










madira pikar ke nache yo mharo bheru amli lyrics