मात मोतियों वाली विराजे जसोल गढ़ रे माय लिरिक्स - MadhurBhajans मधुर भजन
मात मोतियों वाली विराजे
जसोल गढ़ रे माय
छतर वाली छाया राखजो
आयो थारे द्वार।।
ऊचो थारो बणयो देवरो
भली भटियाणी माय
सुनमुख रिजो म्हारी मावङी
धरियो सिर पर हाथ
मात मोतिया वाली विराजे
जसोल गढ़ रे माय।।
आई तेरहस चांदणी मां
चालो माता रे दरबार
चरणे आया रा सकंट मेटे
परसा हाथों हाथ
मात मोतिया वाली विराजे
जसोल गढ़ रे माय।।
अपरम्पार आपरा परसा
ईण कलयुग रे माय
खरो भरोचो आपरो मां
रखियो म्हारी लाज
मात मोतिया वाली विराजे
जसोल गढ़ रे माय।।
जगमग थारी जोतो जगे
निमण करें नर नार
स्वरूप कवंर री सोभा घणेरी
नवखंड प्रथवी माय
मात मोतिया वाली विराजे
जसोल गढ़ रे माय।।
मईया तेरे राज में
कमी काहे की नाय
जोगाराम प्रजापत गावे
सांचों करें बखाण
मात मोतिया वाली विराजे
जसोल गढ़ रे माय।।
मात मोतियों वाली विराजे
जसोल गढ़ रे माय
छतर वाली छाया राखजो
आयो थारे द्वार।।
गायक प्रेषक जोगाराम प्रजापत।
हाथीतला बाङमेर 9587984999
maat motiyon wali viraje jasolgadh re maay lyrics