मान कयो मोट्यार गुर्जर का भाया देवनारायण कथा भाग चार - MadhurBhajans मधुर भजन










मान कयो मोट्यार
गुर्जर का भाया
मरघट पर रहयो माया
भिडकेली थारी गाया
मत न तू ढेरा दे मसान मे
अरे मान कयों मोट्यार
गुर्जर का भाया।।


अरे चिता धनके मुंदी फबके
भोजन कैया भासी रे
नवल बन्नी पे सुन्दर सागे
पेटुडी हो जासी रे
जिद करनो नी साचो भाया
कोई लाभ उठासी रे
होनी अनहोनी होसी
पाछे तू पछतासी रे
मसाना डर नित मानो
मुश्किल हो जासी जिनो
भमे अटे भूत ने वेताल रे
अरे मान कयो मोट्यार
गुर्जर का भाया।।


इन भोम माथे आधीराता
भूत भूतनीया नाचेला
इन भोम माथे आधीराता
भूत भूतनीया नाचेला
ऊंट लडे भैंसा भीडे
महाभारत रात रचेला
रातन सारी सिकोदरीया के
साथे मेलो जोर रे
आता जाता लोग सुने है
मसाना मे जोर रे
जो भी आधीरात मे आया
गाबड तोड गिराया
सगला समझावे केनो मानले
अरे मान कयों मोट्यार
गुर्जर का भाया।।


साडू माँ समझावा लागी
देव कला दर्शायी रे
साडू माँ समझावा लागी
देव कला दर्शायी रे
मसाना मे बाग लगायो
फुलडा छोर बझाड रे
हरी भरी ध्रोप उगादी
गाया बछडा चर रया
राजी राजी पशु आपरो
पेट खुशी सु भर रया
मेवा फल रूक लगाया
दाडम ओर दाकर छाया
पंछीडा मधुरा मधुरा गाया रे
अरे मान कयों मोट्यार
गुर्जर का भाया।।









कामदार चितौड़गढ़ रा
सांग देवजी सेठ रे
कामदार चितौड़गढ़ रा
सांग देवजी सेठ रे
हुई रात्रि सुरपुर पुग्या
जमडा म्हारी पेट रे
रोवा कुका घर में मचीयो
किरीया क्रम की तैयारी रे
वैकुण्ठ गाढन रे खातीर
सुरपुर बात चले न्यारी
गाढो लकडा को आयो
बाग मसाना छायो
बात समझ नहीं आय रे
अरे मान कयों मोट्यार
गुर्जर का भाया।।


बाग बगीचा देख मसाना
चकमक वे चकराया रे
बाग बगीचा देख मसाना
चकमक वे चकराया रे
सेठा घर पाछा जाकर
सब समाचार सुनाया रे
हक्का बक्का होवन लागा
सुनके लोग समाज जी
पति व्रता पत्नी जद सुन
सिवरीया हरि ने रात जी
सुनके सेठा लुगाई
सतवंती जेतु बाई
दौडी शरन मे आयी देव के
अरे मान कयों मोट्यार
गुर्जर का भाया।।


देव धणी चरन कमल मे
जेतु धोक लगावे है
देव धणी चरन कमल मे
जेतु धोक लगावे है
जुड चुनडी चिरंजीव
देव आशीष दिरावे रे
वचन देव का सुनके जेतु
नैना नीर बहावे है
काड कफा रो कालजीया रो
चरना मे गिर जाय जी
बोली रे जेतु बाई
सुहाग खपन रे माई
रखो वचन की प्रभु लाज रे
अरे मान कयों मोट्यार
गुर्जर का भाया।।


देव मंगाई लाश सेठ की
दियो संजीवन पाय रे
देव मंगाई लाश सेठ की
दियो संजीवन पाय रे
सांग देवजी उठ्या सीडी सु
छायो हरखत छाव रे
देव चरन मे गिर गया
सारा जय जयकार लगाय रे
दर्श देव का करके सारा
अपनो भाग सराया रे
गुंज्या जयकारा जबर
गुंज्यो चितौड़ नगर
कोप्या सिसोदिया महाराण रे
अरे मान कयों मोट्यार
गुर्जर का भाया।।


उजीज पाखंडी गुर्जर ने
को सेनिका जाय के
उजीज पाखंडी गुर्जर ने
को सेनिका जाय के
पकड़ जेल में बंद कर देवो
हथकडीया लगवाय के
सौ सौ सैनिक साथ टोली मे
देव पकडने जाय रे
बीच बजारा बढेनी आगे
घट देता गुढ जाय रे
पुग नी पावे सैनिक
मार्ग में मरगा एक एक
गिनती लागी रे साढे सात सौ
अरे मान कयों मोट्यार
गुर्जर का भाया।।


हाथ लगा खुद के हथकडीया
भूप चितौड़ का आया जी
हाथ लगा खुद के हथकडीया
भूप चितौड़ का आया जी
माफ़ करो प्रभु देवजी थे
सिमटो थारी माया जी
भूल करी मै प्रभु जी भारी
मती बिगड़ गई म्हारी जी
शरणागत की सहाय करावो
आप बडा उपकारी जी
महिमा नी जानी थारी
भूल करी मै भारी
दया विचारों मेरा नाथ रे
अरे मान कयों मोट्यार
गुर्जर का भाया।।


पाव पड्या चितौड़ पती जद
दया देव दर्शावे रे
पाव पड्या चितौड़ पती जद
दया देव दर्शावे रे
सारा सैनिक जीवित करके
संजीवन छिडकावे है
सांझ सुरंगा बाजन लागा
देव जगत का राजा रे
बैठ चितौड़ सिंहासन पे
किना पिसन काजा रे
उच्छव कर राजा ध्यावे
सिंहासन लाय बैठावे
गढ मे चुनायो मिन्दर देव को
अरे मान कयों मोट्यार
गुर्जर का भाया।।


सारा सैनिक नाचे गावे
बोले जय जयकार जी
सारा सैनिक नाचे गावे
बोले जय जयकार जी
भाव प्रेम का भूखा भगवन
पूजा करे स्वीकार रे
स्वर्ग लोक सु इन्द्र राजा
फुलडा बरसा रया
देव देवा के देख छवी
किरत देव की गाय रया
अजब है हरि की माया
पार न कोई पाया
अजर अमर उपकार रे
अरे मान कयों मोट्यार
गुर्जर का भाया।।


धर्म बाई कहके जेतु ने
देव धणी बतलायी रे
धर्म बहन कहके जेतु ने
देव धणी बतलायी रे
भात भरने देव जद
प्रभु आशीष दिरावे रे
बडा दयालु देव नारायण
भगता रा इतकारी रे
नारद शारद करे नासकी
देव की महिमा भारी रे
साचो नारायण सेवा
मनचा यहाँ पावो मेवा
विनती करणीसुत बारम्बार
अरे मान कयों मोट्यार
गुर्जर का भाया।।


साचे मनसु अरजी किनी
महारणा चितौड़ रे
साचे मनसु अरजी किनी
महारणा चितौड़ रे
राज सिंहासन बैठ के देवा
पावन करदी भोम रे
देव धणी तब सुने प्रार्थना
सदा करे स्वीकार रे
गढ चितौड़ मन्दिर थरप्यो
मेवाडी दरबार रे
नारायण लीलाधारी
जिनरी है महिमा भारी
छायो सुजस संसार रे
अरे मान कयों मोट्यार
गुर्जर का भाया।।


मान कयो मोट्यार
गुर्जर का भाया
मरघट पर रहयो माया
भिडकेली थारी गाया
मत न तू ढेरा दे मसान मे
अरे मान कयों मोट्यार
गुर्जर का भाया।।
गायक प्रकाश मालीजी नीताजी नायक।
प्रेषक मनीष सीरवी।
रायपुर जिला पाली राजस्थान
9640557818










maan kayo motyar gurjar ka bhaya lyrics