माई तू सकल जगत आधार भजन लिरिक्स - MadhurBhajans मधुर भजन
माई तू सकल जगत आधार
जननी अद्भुत रूप तिहारौ
को करि सकै सम्हार
तू ही परमप्रकृति अरु तू ही
परमपुरुष करतार
माई तु सकल जगत आधार।।
किंचिन्मात्र भेद कछु नाहीं
गुनिजन कहत विचार
मतिभ्रम भेद ऊपजै उर में
समय सृजनसंसार
माई तु सकल जगत आधार।।
कीन्हें प्रकट रजोगुण परवश
ब्रह्मा सिरजनहार
महासरस्वती करती जिनकी
आठोंयाम सुमार
माई तु सकल जगत आधार।।
सत्वगुनन से पूरन कीन्हों
नारायन अवतार
कमला संग रहें क्षीरोदधि
जग के पालनहार
माई तु सकल जगत आधार।।
कीन्हें प्रकट तमोगुण धारक
शिव जग हेतु संहार
जो नित करते रमण
भवानी सँग श्रीशैल विहार
माई तु सकल जगत आधार।।
भुवनेश्वरि तव श्रीचरणों में
करूँ सतत मनुहार
कामक्रोधमदलोभमोह पर
माते करो प्रहार
माई तु सकल जगत आधार।।
जन्मजन्म मममति भक्ति में
लागी रहे तिहार
मैं अशोक तव चरणशरण हूँ
रहो हृदय साकार
माई तु सकल जगत आधार।।
माई तू सकल जगत आधार
जननी अद्भुत रूप तिहारौ
को करि सकै सम्हार
तू ही परमप्रकृति अरु तू ही
परमपुरुष करतार
माई तु सकल जगत आधार।।
रचनाकार श्री अशोक कुमार खरे।
गायक मनोज कुमार खरे।
maai tu sakal jagat aadhar lyrics