लाखो के दुःख लिए हर दातिए झोलियाँ गरीबों की भी भर दातिए - MadhurBhajans मधुर भजन
लाखो के दुःख लिए हर दातिए
झोलियाँ गरीबों की भी भर दातिए
सबको दिए खुशियों के वर दातिए
सबको दिए खुशियों के वर दातिए
झोलियाँ गरीबों की भी भर दातिए।।
तर्जशादी के लिए रजामंद कर ली
भरे हुए तेरे भंडार है
उनमे कमी ना किसी बात की
हर जगह पर हर और ही
करुणा की तूने तो बरसात की
सबपे है तेरी
सबपे है दया की नजर दातिए
झोलियाँ गरीबों की भी भर दातिए।।
सागर से एक बून्द हम जो पिए
सागर का कुछ ना घटे मेरी माँ
हवा चला दो गर रहमत की माँ
बादल गमो का छटे मेरी माँ
जग से निराला
जग से निराला तेरा दर दातिए
झोलियाँ गरीबों की भी भर दातिए।।
लाखो के दुःख लिए हर दातिए
झोलियाँ गरीबों की भी भर दातिए
सबको दिए खुशियों के वर दातिए
सबको दिए खुशियों के वर दातिए
झोलियाँ गरीबों की भी भर दातिए।।
lakho ke dukh liye har datiye lyrics in hindi