लख चोरासी में घणो दुख पायो नैना जुण धरोसा - MadhurBhajans मधुर भजन










लख चोरासी में घणो दुख पायो
नैना जुण धरोसा
अब के आय पडयो गुरू सरणे
अरे सीर पे हाथ धरो ने गुरा सा
मापे मेर करो सा
अरे माप मरे करोसा
भोल्यो जिव भटक मर जावे
नानो जीव भटक मर जावे
अरे थोडी थोडी किरपा ने गुरा सा
मापे मेर करो सा।।


पारस देख लोहार मन हरस्यो
करे मारो किक भरोसा
अरे काया मारी करलो सोलमी रे
काया मारी करलो सोलमी
अब कंचन हाथ धरो ना गुरा सा
मापे मेर करो सा।।


गुरू बीन साई करे कुण जीव री
लाख उपाई करोसा रे
करोड उपाई करोसा
नानो जीव ने जतने कर राखो
भोला जीव ने जतने कर राखो
अब दोई दोई हाथ धरोना गुरा सा
मापे मेर करो सा।।


रामा नंदजी लीख रीपोटा
दुरगा मे पस करोसा
कव कबीर सुणो भाई सादु
वणत कबीर सुणो भाई सादु
मारी दुरमा मे दुर करो ने
गुरा सा माप मेर करोसा
मापे मेर करो सा।।









लख चोरासी में घणो दुख पायो
नैना जुण धरोसा
अब के आय पडयो गुरू सरणे
अरे सीर पे हाथ धरो ने गुरा सा
मापे मेर करो सा
अरे माप मरे करोसा
भोल्यो जिव भटक मर जावे
नानो जीव भटक मर जावे
अरे थोडी थोडी किरपा ने गुरा सा
मापे मेर करो सा।।
प्रेषक गायक रूपलाल लोहार
9680208919










lakh chaurasi me ghano dukh payo lyrics