लागा रे बाण म्हारे शबद गुरा रा भजन लिरिक्स - MadhurBhajans मधुर भजन










लागा रे बाण म्हारे शबद गुरा रा
दोहा शबदा मारा मर गया
शबदा छोड्यो राज
जिण जिण शबद विचारिया
वा रा सरिया काज।
लागा रे बाण म्हारे शबद गुरा रा
घायल वे ज्यों री ए बातां
लागा शबद म्हारे सेण सतगुरु रा
घायल वे ज्यां री ए बातां।।


परणी नार पिया गम जाणे
काई जाणे कवारी बाता
बिना विवेक वा तो फिरे भटकती
इण कारण खावे लाता
लागा बाण म्हारे शबद गुरा रा
घायल वे ज्यों री ए बातां
लागा शबद म्हारे सेण सतगुरु रा
घायल वे ज्यां री ए बातां।।









पतिव्रता नार भई बुधवंती
वा ही जाणे पिवजी री बाता
सतगुरु मिलिया भरम सब भागा
भूल गई सब कुबदां री बाता
लागा बाण म्हारे शबद गुरा रा
घायल वे ज्यों री ए बातां
लागा शबद म्हारे सेण सतगुरु रा
घायल वे ज्यां री ए बातां।।


धरा असमान भले ही डिग जावे
सुख जावे रे समदर सारा
मैं म्हारा पिवजी ने कदे नी भूलूं
पाव पलक ने दिन राता
लागा बाण म्हारे शबद गुरा रा
घायल वे ज्यों री ए बातां
लागा शबद म्हारे सेण सतगुरु रा
घायल वे ज्यां री ए बातां।।


प्रेम पोल में सतगुरु पोढ़िया
मिलने री लग रही खाता
गुरु प्रताप रविदास जी बोले
तार में तार मिलाई दाता
लागा बाण म्हारे शबद गुरा रा
घायल वे ज्यों री ए बातां
लागा शबद म्हारे सेण सतगुरु रा
घायल वे ज्यां री ए बातां।।


लागा रे बाण म्हारे शबद गुरा रा
घायल वे ज्यों री ए बातां
लागा शबद म्हारे सेण सतगुरु रा
घायल वे ज्यां री ए बातां।।








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