क्यों मुझसे तुम खफा हो कैसे तुम्हे मनाऊँ भजन लिरिक्स - MadhurBhajans मधुर भजन










क्यों मुझसे तुम खफा हो
कैसे तुम्हे मनाऊँ
रो रो के मेरे सांवरे
दिल का हाल सुनाऊँ
क्यूँ मुझसे तुम खफा हो
कैसे तुम्हे मनाऊं।।


मेरे अपनों ने ही छीना
दिल का सुकून मेरे
कितने हैं घाव दिल में
देखो तो श्याम मेरे
कैसे इन्हे दिखाऊं
किसको मैं ये बताऊँ
कैसे इन्हे छिपाऊं
किसको मैं ये बताऊँ
रो रो के मेरे सांवरे
दिल का हाल सुनाऊँ
क्यूँ मुझसे तुम खफा हो
कैसे तुम्हे मनाऊं।।


जब जब किया भरोसा
आशा ही दिल की टूटी
कैसे तुम्हे दिखाऊं
टूटी जो दिल की डोरी
बिखरे जो दिल के टुकड़े
कैसे मैं जोड़ पाऊं
रो रो के मेरे सांवरे
दिल का हाल सुनाऊँ
क्यूँमुझसे तुम खफा हो
कैसे तुम्हे मनाऊं।।


बड़े शोक से रुलाया
हँसता हुआ ये चेहरा
तू ही मुझे हसा दे
है ऐतबार तेरा
रोते हुए इस दिल को
कैसे मैं अब हसाऊं
रो रो के मेरे सांवरे
दिल का हाल सुनाऊँ
क्यूँ मुझसे तुम खफा हो
कैसे तुम्हे मनाऊं।।









टुटा जो दिल शिखा का
तू ही उसे संभाले
चरणों से अब उठाकर
मुझको गले लगा ले
दुनिया को छोड़ कर मैं
तुमको ही जीत जाऊं
रो रो के मेरे सांवरे
दिल का हाल सुनाऊँ
क्यूँमुझसे तुम खफा हो
कैसे तुम्हे मनाऊं।।


क्यों मुझसे तुम खफा हो
कैसे तुम्हे मनाऊँ
रो रो के मेरे सांवरे
दिल का हाल सुनाऊँ
क्यूँमुझसे तुम खफा हो
कैसे तुम्हे मनाऊं।।













kyun mujhse tum khafa ho kaise tumhe manau lyrics